विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में शुक्रवार को पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने साफ किया कि भारत पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के पक्ष में है, लेकिन यह तभी संभव है जब पाकिस्तान अपने आतंकवाद समर्थक रवैये में बदलाव लाए।
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जयशंकर का बयान: “गेंद पाकिस्तान के पाले में”
- संबंधों में सुधार पर रुचि:
- विदेश मंत्री ने कहा, “हम पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं, लेकिन यह रिश्ते आतंकवाद-मुक्त होने चाहिए।”
- पाकिस्तान की जिम्मेदारी:
- उन्होंने स्पष्ट किया कि रिश्तों में सुधार के लिए पाकिस्तान को अपने व्यवहार में बदलाव दिखाना होगा।
- “यह अब पूरी तरह से पाकिस्तान पर निर्भर है। जब तक वह बदलाव नहीं दिखाता, तब तक संबंधों पर इसका असर पड़ेगा।”
व्यापार और धारा 370 के बाद बिगड़े संबंध
- व्यापार पर असर:
- जयशंकर ने बताया कि 2019 में पाकिस्तान के कुछ फैसलों की वजह से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते प्रभावित हुए थे।
- धारा 370 का मुद्दा:
- भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने भारत से अपने कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध खत्म कर दिए।
- पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर धारा 370 की बहाली की मांग की, लेकिन भारत ने इसे देश का आंतरिक मामला बताते हुए खारिज कर दिया।
रिश्तों में खटास का कारण
- पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता है, जो भारत के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।
- भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।
क्या है आगे की राह?
- पाकिस्तान की जिम्मेदारी:
- अगर पाकिस्तान अपने आतंकवाद समर्थक रवैये में बदलाव लाता है, तो भारत रिश्तों को सुधारने के लिए तैयार है।
- आतंकवाद-मुक्त रिश्ते:
- भारत अपने किसी भी पड़ोसी के साथ आतंकवाद-मुक्त और समानता पर आधारित संबंध चाहता है।
आपकी राय
क्या आपको लगता है कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने व्यवहार में बदलाव लाएगा? या रिश्तों में सुधार के लिए भारत को अलग रणनीति अपनानी चाहिए?