कैसे हुआ हादसा?
सोमवार, 9 दिसंबर को 5 वर्षीय आर्यन अपने घर के बाहर खेल रहा था। खेलते-खेलते वह घर से करीब 100 फीट दूर स्थित एक 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया।
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- बोरवेल परिवार का ही था, जो तीन साल पहले खोदा गया था।
- इसमें मोटर फंसने के कारण इसका इस्तेमाल बंद हो चुका था, लेकिन इसे सील नहीं किया गया था।
- हादसे के वक्त आर्यन अपनी मां के पास खेल रहा था। मां ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन आर्यन गड्ढे में जा गिरा।
रेस्क्यू ऑपरेशन:
आर्यन के बोरवेल में गिरने के एक घंटे बाद ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया।
- NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गईं।
- पाइप के जरिए बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी।
- बुधवार सुबह बोरवेल के समानांतर 125 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया, लेकिन मशीन खराब होने के कारण ऑपरेशन बाधित हुआ।
आर्यन को निकाला गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका
बुधवार रात करीब 11:45 बजे, आर्यन को बेहोशी की हालत में रस्सी के सहारे बोरवेल से बाहर निकाला गया।
- बच्चे को तुरंत लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया।
- डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर बाद आर्यन ने दम तोड़ दिया।
बचाव अभियान की चुनौतियां:
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां सामने आईं:
- बच्चे पर मिट्टी गिरने से स्थिति और गंभीर हो गई।
- 150 फीट गहरी खुदाई में तकनीकी दिक्कतों के कारण समय बर्बाद हुआ।
- बच्चा भूखा-प्यासा और मिट्टी से दबा रहा, जिससे उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई।
बोरवेल हादसे का जिम्मेदार कौन?
यह घटना एक बार फिर से खुले बोरवेल की समस्या और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करती है।
- तीन साल से बोरवेल बंद पड़ा था, लेकिन इसे ठीक से सील नहीं किया गया।
- इस हादसे ने प्रशासन और समाज को चेतावनी दी है कि इस तरह की लापरवाही से मासूमों की जान पर बन आती है।
मासूम की मौत पर शोक की लहर
आर्यन की मौत की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोग इस हादसे से आक्रोशित हैं और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
क्या यह आखिरी हादसा होगा, या हम इसे दोहराने से रोकने के लिए कदम उठाएंगे?