लोकसभा मे मंगलवार (25 मार्च) को वित्त विधेयक 2025 पारित

krishna bhatt

लोकसभा में वित्त विधेयक 2025 पारित, डिजिटल टैक्स समाप्त

नई दिल्ली, 25 मार्च 2025 – लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक 2025 (Finance Bill 2025) को पारित कर दिया, जिसमें सरकार द्वारा किए गए 35 संशोधन भी शामिल हैं। इस विधेयक का एक प्रमुख संशोधन 6% डिजिटल टैक्स (Google Tax) को हटाने से संबंधित है, जो ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर लागू होता था।

विधेयक के पारित होने के बाद अब इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। राज्यसभा की मंजूरी के बाद 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

वित्त विधेयक 2025 के प्रमुख बिंदु

वित्त विधेयक 2025 भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत एक विधायी प्रस्ताव है, जो वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में घोषित वित्तीय नीतियों और कर प्रस्तावों को लागू करने के लिए तैयार किया गया है। इसे 1 फरवरी, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया था और 25 मार्च, 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

बजट 2025-26 के मुख्य बिंदु:

  • कुल व्यय: ₹50.65 लाख करोड़ (2024-25 की तुलना में 7.4% अधिक)।
  • पूंजीगत व्यय: ₹11.22 लाख करोड़, जबकि प्रभावी पूंजीगत व्यय ₹15.48 लाख करोड़ रहेगा।
  • सकल कर राजस्व संग्रह: ₹42.70 लाख करोड़ का लक्ष्य।
  • सकल उधारी: ₹14.01 लाख करोड़।

योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि:

  • केंद्र प्रायोजित योजनाएं: ₹5,41,850.21 करोड़ (पिछले वर्ष की तुलना में अधिक)।
  • केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं: ₹16.29 लाख करोड़ (2024-25 में ₹15.13 लाख करोड़ से अधिक)।

व्यय में वृद्धि के कारण:

  • बाजार ऋण, कोषपत्र (ट्रेजरी बिल), विदेशी ऋण, लघु बचत और भविष्य निधि पर ब्याज भुगतान बढ़ना।
  • सशस्त्र बलों के लिए अधिक धन आवंटित, जिसमें पूंजीगत व्यय भी शामिल है।
  • रोजगार सृजन योजनाओं के लिए अधिक प्रावधान।

राज्यों को हस्तांतरित संसाधन:

  • कुल ₹25,01,284 करोड़ राज्यों को हस्तांतरित किए जाएंगे।
  • यह 2023-24 की तुलना में ₹4,91,668 करोड़ अधिक है।

राजकोषीय घाटा और GDP अनुमान:

  • वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा – 4.4% (2024-25 में 4.8% था)।
  • देश की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) अनुमानित – ₹3,56,97,923 करोड़, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से 10.1% अधिक है।

वित्त विधेयक के पारित होने के बाद सरकार की वित्तीय रणनीति और कर सुधारों पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है। डिजिटल टैक्स हटाने के निर्णय से ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं में बदलाव देखने को मिलेगा, जिससे डिजिटल कारोबार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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