भूमिका:
जम्मू और कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर बहस का माहौल गर्म हो गया। जैसे ही इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई, पक्ष-विपक्ष के बीच टकराव बढ़ गया और सदन में बहस का माहौल तेज हो गया।
क्या है अनुच्छेद 370 का मुद्दा?
अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता था, जिसे 5 अगस्त 2019 को रद्द कर दिया गया था। केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद से ही जम्मू-कश्मीर की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है।
#WATCH | Srinagar: Session of J&K Assembly resumes after it was briefly adjourned following a ruckus when Engineer Rashid's brother & Awami Ittehad Party MLA Khurshid Ahmad Sheikh displayed a banner on the restoration of Article 370.
Marshals took a few Opposition MLAs of the… pic.twitter.com/cIxIPfpjRh
— ANI (@ANI) November 7, 2024
सदन में हंगामा क्यों?
जैसे ही सदन में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग उठाई गई, विधायक अपनी बात रखने लगे। इसके साथ ही भावनाओं का संचार इतना बढ़ गया कि बहस हंगामे में बदल गई। कुछ विधायकों के बीच हाथापाई की स्थिति उत्पन्न हो गई और माहौल को संभालना मुश्किल हो गया।
क्या बोले प्रमुख नेता?
- विपक्ष के नेता: विपक्षी विधायकों का मानना है कि अनुच्छेद 370 की बहाली से राज्य में लोकतंत्र की बहाली हो सकती है और लोगों की आस्थाओं को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- सरकार का पक्ष: सरकार के अनुसार, अनुच्छेद 370 को हटाना देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक था और इसे बहाल करना संभव नहीं है।
निष्कर्ष:
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि अनुच्छेद 370 का मुद्दा अब भी जम्मू और कश्मीर की राजनीति में अहम स्थान रखता है।