टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर द्वारा दिए गए बयानों पर पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कड़ी आलोचना की। मांजरेकर ने बीसीसीआई से अपील की है कि भविष्य में गंभीर को भारतीय टीम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में न भेजा जाए।
गंभीर का बयान और विवाद
गौतम गंभीर, जो कि भारतीय क्रिकेट टीम के अहम हिस्से रहे हैं और अब एक कमेंटेटर और राजनेता भी हैं, ने हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ टिप्पणियाँ कीं, जिन्हें संजय मांजरेकर ने अनुचित और भारतीय क्रिकेट के लिए हानिकारक बताया है। गंभीर ने टीम चयन, खिलाड़ियों के प्रदर्शन, और टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठाए थे, जो मांजरेकर के अनुसार अनावश्यक विवाद पैदा कर सकते हैं और टीम पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
संजय मांजरेकर की प्रतिक्रिया
संजय मांजरेकर ने अपने बयान में कहा कि गौतम गंभीर के बयान भारतीय क्रिकेट के हित में नहीं हैं। उनके अनुसार, “गंभीर के विवादास्पद बयान टीम का मनोबल गिरा सकते हैं और फैंस में भी भ्रम की स्थिति पैदा कर सकते हैं। ऐसे समय में, जब टीम को एकजुटता और समर्थन की आवश्यकता होती है, इस तरह के बयान देना उचित नहीं है।”
मांजरेकर ने बीसीसीआई को सुझाव दिया कि गंभीर को भविष्य में प्रेस कॉन्फ्रेंस में न भेजा जाए और उनके स्थान पर टीम से जुड़े किसी ऐसे व्यक्ति को भेजा जाए जो खेल और खिलाड़ियों की मानसिकता को अच्छी तरह समझता हो।
बीसीसीआई का रुख
अब तक बीसीसीआई की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बोर्ड संजय मांजरेकर की सलाह को मानता है। टीम इंडिया के मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति का चयन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उनकी टिप्पणियाँ मीडिया और फैंस पर बड़ा असर डालती हैं।
निष्कर्ष
गौतम गंभीर और संजय मांजरेकर जैसे पूर्व क्रिकेटरों के विचारों में असहमति भारतीय क्रिकेट में स्वस्थ संवाद का हिस्सा है। फिर भी, टीम के मनोबल और एकजुटता को बनाए रखने के लिए ऐसे मुद्दों को सही तरीके से संभालना जरूरी है। अब देखना यह है कि इस विवाद के बाद बीसीसीआई क्या कदम उठाता है और क्या गंभीर को फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में भेजा जाएगा या नहीं।