क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में बुलावा आया है?

krishna bhatt

भारतीय प्रधानमंत्री के शामिल होने पर स्थिति:

अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 20 जनवरी को आयोजित डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण मिलने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

  • विदेश मंत्रालय का बयान: मंत्रालय ने कहा कि अगर इस विषय में कोई प्रगति होती है, तो इसकी जानकारी दी जाएगी।
  • अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स: अमेरिकी मीडिया में जारी अतिथियों की सूची में भारतीय प्रधानमंत्री का नाम नहीं दिखा है।

अन्य प्रमुख नेताओं की भागीदारी:

  • चीन: राष्ट्रपति शी जिनपिंग को निमंत्रण दिया गया है। हालांकि, उनकी मौजूदगी पर संशय है। संभावना है कि उनके प्रतिनिधि समारोह में शामिल होंगे।
  • इटली: प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी समारोह में भाग लेने की पुष्टि कर सकती हैं।
  • अर्जेंटीना: राष्ट्रपति जेवियर माइली की भागीदारी की पुष्टि हो चुकी है।
  • हंगरी और यूक्रेन: प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान और राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की को भी निमंत्रण दिया गया है, लेकिन उन्होंने अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है।

डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह: विशेषताएं और खर्च

समारोह की भव्यता:

डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह बेहद भव्य और महंगा होगा।

  • आयोजन समिति ने अब तक 1,400 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
  • यह बजट जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह से 3 गुना ज्यादा है।
  • प्रमुख कंपनियों और हस्तियों ने इस आयोजन के लिए दान किया है।
    • सैम ऑल्टमैन (OpenAI): ₹8.5 करोड़।
    • अमेज़न: ₹17 करोड़।

वीआईपी टिकट और शपथ ग्रहण स्थल:

  • सभी वीआईपी टिकट बिक चुके हैं।
  • समारोह वॉशिंगटन डीसी में आयोजित होगा और इसमें दुनियाभर के नेताओं और हस्तियों की मौजूदगी रहेगी।

समारोह में आमंत्रण के मायने:

अंतरराष्ट्रीय नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करना संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक कूटनीति का प्रतीक होता है।

  • ट्रंप द्वारा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बुलाना अमेरिका और चीन के बीच तनाव के बावजूद अहम माना जा रहा है।
  • भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति या आमंत्रण की पुष्टि, अमेरिका-भारत संबंधों पर ध्यान खींच सकती है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में बुलावा मिला है या नहीं, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि, विदेश मंत्रालय की ओर से संकेत दिए गए हैं कि इस विषय पर जल्द ही जानकारी साझा की जाएगी।

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