दिल्ली का प्रदूषण स्तर और प्रभाव
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। नवंबर के पहले सप्ताह में ही शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में पहुँच चुका है, जो आम जनता की सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। खराब हवा के कारण दिल्ली के नागरिकों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और फेफड़ों के संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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ग्रेप-3 के तहत सख्त निर्देश
केंद्र और राज्य सरकार ने “ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान” (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया है। इस योजना के तहत कुछ प्रमुख कदम उठाए गए हैं:
- निर्माण गतिविधियों पर रोक: निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने से धूल और अन्य प्रदूषकों में कमी की उम्मीद की जा रही है।
- डिजल जनरेटर का उपयोग बंद: गैर-जरूरी जगहों पर डिजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है।
- वाहनों पर सख्ती: पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। कुछ वाहनों के प्रवेश पर भी रोक है।
जनता के लिए सावधानियां
- बाहर जाने से बचें: प्रदूषण के कारण जितना संभव हो उतना घर के अंदर ही रहें।
- मास्क का इस्तेमाल करें: जब बाहर जाना अनिवार्य हो, तो मास्क पहनना न भूलें।
- स्वास्थ्य की देखभाल: सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय
दिल्ली का प्रदूषण स्तर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी चर्चा का विषय बन गया है। ऐसे में पर्यावरणविदों का मानना है कि सरकार और जनता दोनों को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए।