क्या है खबर?
मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दुनिया का सबसे बड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डाटा सेंटर बनाने की योजना की घोषणा की है।
Contents
- यह डाटा सेंटर गुजरात के जामनगर में स्थापित किया जाएगा।
- इस परियोजना का उद्देश्य भारत को AI के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
मुख्य बिंदु
- AI तकनीक का उपयोग:
- रिलायंस इस परियोजना के लिए एनवीडिया (NVIDIA) जैसी वैश्विक AI सेमीकंडक्टर कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही है।
- एनवीडिया ब्लैकवेल AI प्रोसेसर इस डाटा सेंटर के लिए उपयोग किए जाएंगे।
- क्षमता:
- डाटा सेंटर की कुल क्षमता 3 गीगावाट होगी।
- यह क्षमता माइक्रोसॉफ्ट के वर्जीनिया स्थित 600 मेगावाट डाटा सेंटर से कहीं अधिक होगी।
- प्राकृतिक ऊर्जा का उपयोग:
- यह डाटा सेंटर सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा, और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल होगा।
- लागत:
- परियोजना की अनुमानित लागत 20-30 अरब डॉलर (लगभग 1,700-2,600 अरब रुपये) के बीच होगी।
पृष्ठभूमि और तैयारी
- शुरुआत:
- इस डाटा सेंटर की योजना की शुरुआत अक्टूबर 2024 में एनवीडिया AI समिट के दौरान हुई।
- रिलायंस और एनवीडिया ने भारत में AI बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए साझेदारी की घोषणा की।
- पिछले समझौते:
- सितंबर 2024 में रिलायंस और एनवीडिया ने AI सुपर कंप्यूटर विकसित करने के लिए हाथ मिलाया था।
दुनिया का सबसे बड़ा डाटा सेंटर कैसे बनेगा?
- AI मांग को भुनाने के लिए यह डाटा सेंटर महत्वपूर्ण होगा।
- NVIDIA जैसी अग्रणी कंपनियों से तकनीक लेकर इसे अत्याधुनिक बनाया जाएगा।
- इस डाटा सेंटर की क्षमता और तकनीकी विशिष्टताओं के चलते यह भारत को AI क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बना सकता है।
निष्कर्ष
रिलायंस का यह कदम भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
- पर्यावरण-अनुकूल तकनीक और विश्व स्तरीय क्षमता इसे AI बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नया आयाम देगा।
- इस परियोजना से भारत की डिजिटल क्रांति को नई ऊंचाई मिलेगी और वैश्विक AI उद्योग में भारत का प्रभाव बढ़ेगा।