GST परिषद बैठक: स्वास्थ्य बीमा टैक्स में कटौती नहीं, पुरानी गाड़ियों पर टैक्स बढ़ा

krishna bhatt

राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित GST परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इन फैसलों का असर आम उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों पर पड़ेगा।


स्वास्थ्य बीमा पर राहत नहीं

जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इन दरों में कटौती हो सकती है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों के समूह (GOM) के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी और चर्चा की आवश्यकता है। इसके लिए GOM की एक और बैठक जनवरी में आयोजित की जाएगी।


पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर टैक्स में बढ़ोतरी

पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर लगने वाले GST को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। इस फैसले से पुरानी गाड़ियों के व्यापार से जुड़े व्यापारियों और ग्राहकों पर सीधा असर होगा।


पॉपकॉर्न पर टैक्स दरों में बदलाव

GST परिषद ने पॉपकॉर्न पर नई टैक्स दरों का प्रस्ताव दिया है, जिससे इसका दाम बढ़ सकता है:

  • बिना पैक और लेबल वाले पॉपकॉर्न: 5% GST।
  • प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले पॉपकॉर्न: 12% GST।
  • कारमेल पॉपकॉर्न: 18% GST।

बीमा टैक्स पर निर्णय क्यों टला?

मंत्रियों के समूह (GOM) ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST दर में कटौती पर चर्चा की थी। लेकिन, कई राज्यों ने इस कदम से संभावित राजस्व हानि पर चिंता जताई।


फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर निर्णय टला

स्विगी और ज़ोमैटो जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर GST दरों में कटौती का निर्णय भी फिलहाल टाल दिया गया है।


GST परिषद के फैसलों का असर

  • उपभोक्ताओं पर असर: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स राहत नहीं मिलने से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार बना रहेगा।
  • व्यापार पर प्रभाव: पुरानी गाड़ियों पर बढ़ी हुई GST दर व्यापारियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
  • राजस्व का मुद्दा: राज्यों की राजस्व हानि को लेकर जताई गई चिंताओं के कारण कई फैसले टाल दिए गए।

विश्लेषण

यह बैठक GST ढांचे को सुधारने और राजस्व में संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। हालांकि, कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। आगामी जनवरी की बैठक में इन मुद्दों पर फिर से चर्चा की जाएगी।


GST परिषद की यह बैठक उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए मिश्रित संकेत लेकर आई है। जहां कुछ वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा है, वहीं बीमा और फूड डिलीवरी से जुड़े मुद्दों पर निर्णय टलने से फिलहाल राहत नहीं मिल पाई है।

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