खबर की मुख्य बातें:
- 2 दिवसीय आधिकारिक यात्रा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की 2 दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए हैं।
- 43 सालों बाद दौरा: 1981 में इंदिरा गांधी के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है।
- उद्देश्य: व्यापार, निवेश, ऊर्जा और लोगों के आपसी संबंधों को मजबूत बनाना।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम:
- कुवैती नेतृत्व से मुलाकात: प्रधानमंत्री मोदी शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह, क्राउन प्रिंस और अन्य प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे।
- भारतीय समुदाय से बातचीत: प्रवासी भारतीयों से जुड़ने और भारतीय श्रमिक शिविर का दौरा।
- खाड़ी सहयोग परिषद (GCC): संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की चर्चा।
- अरेबियन गल्फ कप: उद्घाटन समारोह में भी भाग लेने की उम्मीद।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान:
“कुवैत यात्रा हमारे ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाई देने का अवसर है। हम व्यापार, ऊर्जा, और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता में साझेदारी को और गहरा करेंगे।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वे कुवैती नेतृत्व के साथ भविष्य की साझेदारी का रोडमैप तैयार करने के लिए उत्साहित हैं।
Contents
भारत-कुवैत संबंध:
- राजनयिक संबंध: 1962 से औपचारिक राजनयिक रिश्ते।
- आर्थिक साझेदारी:
- द्विपक्षीय व्यापार (2023-24): लगभग ₹88,000 करोड़।
- 10 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी, जो कुवैत की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देते हैं।
- समर्थन: चीन युद्ध के दौरान कुवैत ने भारत का साथ दिया।
चर्चा के संभावित मुद्दे:
- ऊर्जा सुरक्षा:
- खाड़ी से तेल आयात पर निर्भरता।
- स्थिर ऊर्जा आपूर्ति और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग।
- आर्थिक संबंध:
- स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में कुवैती निवेश।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग।
यात्रा का महत्व:
यह दौरा न केवल दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाएगा, बल्कि भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा और निवेश के नए अवसर भी खोलेगा।