भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाएगा। लेकिन इससे पहले ही ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने एक विवाद खड़ा कर दिया है, जो चर्चा का विषय बन गया है।
क्या है मामला?
हाल ही में, रविंद्र जडेजा ने भारतीय पत्रकारों के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। यह प्रेस कांफ्रेंस बीसीसीआई द्वारा भारतीय मीडिया के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन कुछ ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार भी वहां पहुंच गए। जडेजा ने भारतीय पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया, जिनमें से कई सवाल हिंदी में थे। लेकिन, समय की कमी के कारण कोई भी ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार सवाल नहीं पूछ पाया।
विवाद का बढ़ना
जैसे ही ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को सवाल पूछने का मौका नहीं मिला, उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाया और मामले को बढ़ा दिया। एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने भारतीय मीडिया मैनेजर मौलिन पारिख पर आरोप लगाते हुए रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया। इस पर भारतीय मीडिया ने विरोध जताया, क्योंकि यह बातचीत एक निजी मामला था, जिसे सार्वजनिक रूप से प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए था।
बदसलूकी का आरोप
भारतीय मीडिया मैनेजर मौलिन पारिख ने ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को शांत करने की कोशिश की और उन्हें रिकॉर्डिंग रोकने के लिए कहा। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों ने उनकी बात नहीं मानी और रिकॉर्डिंग जारी रखी। इसके बाद भारतीय पत्रकारों ने एकजुटता दिखाते हुए कैमरों को ब्लॉक कर दिया। इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के पत्रकारों के बीच तीखी बहस भी हुई।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का आरोप
इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भारतीय पत्रकारों पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाया। उन्होंने भारतीय टीम को असहयोगी और अनुचित बताते हुए आलोचनात्मक रिपोर्ट्स प्रकाशित करना शुरू किया। यह विवाद उस वक्त के एक और विवाद से जुड़ा हुआ था, जब विराट कोहली की मेलबर्न हवाई अड्डे पर चैनल 7 के एक रिपोर्टर से तीखी नोकझोंक हुई थी, क्योंकि वह कोहली के बेटे की वीडियो बनाने का प्रयास कर रहा था।
यह विवाद दोनों देशों के मीडिया के बीच एक नया मोड़ लेकर आया है। ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों का आरोप है कि भारतीय पत्रकारों ने उन्हें उचित मौका नहीं दिया, जबकि भारतीय पत्रकारों का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से एक निजी बातचीत का था। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का असर आगामी टेस्ट मैच पर पड़ता है या नहीं।