आरतियां की खबरें
विष्णु जी की आरती (आरती श्री विष्णु भगवान की)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट।क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे॥ जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।स्वामी…
शिव जी की आरती (आरती श्री शिवजी की)
जय शिव ओंकारा, हर ओंकारा।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव, अर्द्धांगधारा॥ जय शिव ओंकारा... एकानन चतुरानन पंचानन राजे।हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ जय शिव ओंकारा... दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण…
श्री हरि अष्टकम् (Shri Hari Stotram)
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालंशरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं।नभोनीलकायं दुरावारमायंसुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहम्॥ १ ॥ सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्।गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहम्॥ २ ॥ रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारंजलान्तर्विहारं धराभारहारम्।चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपंध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहम्॥ ३ ॥ जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनम्।जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुंत्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहम्॥…
श्री रुद्राष्टकम् (Rudraashtak)
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं,विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं,चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकार मोंकार मूलं तुरीयं,गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्।करालं महाकाल कालं कृपालुं,गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं,मनोभूत…
Lakshmi ji ki aarti: लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशदिन सेवत,हर विष्णु विधाता॥ ॐ जय... उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय... दुर्गा रूप निरंजनि,सुख-सम्पत्ति दाता।जो कोई तुमको ध्याता,ऋद्धि-सिद्धि…
Shree Ganesh Aarti : श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवामाता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। एकदंत, दयावंत, चार भुजाधारीमाथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी।जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवामाता जाकी पार्वती, पिता…
Hanuman Aarti: आरती कीजै हनुमान लला की
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥जाके बल से गिरिवर काँपे।रोग-दोष जाके निकट न झाँके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।संतन के प्रभु सदा सहाई॥दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि…
श्री हनुमान चालीसा
दोहा: श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥ चौपाई: जय…